तलाश

तलाश रहा हूं, सभी कोलाहलों से दूर, नितांत शांत स्थलों पर, पक्के सड़कों से दूर, कच्ची पगडंडियों पर। दुर्गम पर्वतों के शिखरों पर, अरुणोदय की लालिमा में, घटाओं की कालीमा में। पर्वतों के गर्भ में, धारा के आघात से उत्पन्न झरनों की कलनाद के मध्य। घने वनों के मध्य, घोंसले से झांक रहे विहंगों की … Continue reading तलाश

प्रिय!

प्रिय, तुम मेरी प्राथमिकता थी, सम्भवतः मैं तुम्हारा विकल्प। तुम उद्यान की वह पुष्प थी, जिसके सम्मुख, सबकी सुंदरता थी अल्प।। मैं नहीं देना चाहता था तुम्हें श्रृंगार की वस्तुएँ, मैं तो चाहता था… तुम्हें कालिदास की मेघदूतम सुनाऊँ। वह मेघ बन बरस जाऊँ, जिसके सम्मुख यक्ष ने बहाए थे अश्रु विरह में।। ले चलूं … Continue reading प्रिय!

गुनाहों का देवता

"प्रेम, त्याग और अंतर्द्वंद्व की अमर कहानी" हमारा जीवन एक कहानी की भांति है जिसकी पटकथा कई प्रकार के घटनाक्रमों से होकर गुजरती है जो हमारे जीवनकाल में घटित होते रहती हैं। इस कहानी में न जाने कितने पात्र आते हैं जिनका कालक्रम सूक्ष्म होता है, और कुछ पात्र ऐसे भी होते हैं जिनका प्रभाव … Continue reading गुनाहों का देवता

Pills Of Her Voice

Daytimes are pleasant, with light sunlight filtering through the pine trees and entering my house through the windows, trying to keep this place warm enough. But the nights—oh, the nights—are harsh, with temperatures dropping and the cries of wolves making this place painful to endure. Yet, even this isn’t enough to drive me away. I … Continue reading Pills Of Her Voice

मेरा चुनाव

अगर हारना भी एक चुनाव होतातो शायद दसों दिशाएँ नहीं देखतापलायन की खोज में,बस रुक जाता,और मूँद के रखता अपनी आँखों कोउस पल तकजो केवल अंधकारमयी है। प्रकाश की किरण जब तक हैहार का संकल्प पूर्ण नहीं हो सकता।पक्की हार भी किसी जीत की तरह हैजिसमें दोनों या तो शून्य हैया फिर दोनों एक। अगर हारने पर भी … Continue reading मेरा चुनाव