Greetings for the New Year! (fingers crossed) With high expectations and a fractal of uncertainty, we take a leap forward to bid farewell to this unpropitious leap year. Making us hostages to the most ruthless curse of Nature, ‘2020’ will be remembered as ‘the year of tragedies’, at least for humans. For most of us, … Continue reading WELCOMING 2021 WITH HOPE AND STRENGTH
Category: Literary
आँधियों से लगातार उलझता रहा मैं,तूफ़ानों ने रौंदा मुझको,जलजलाओं को आधार बना,फिर भी अचल रहा मैं। बिजलियाँ मेरी सहगामिनी बनीउल्कावृष्टियों के आघात सहकर भी,ज्वालामुखियों के मुहाने पर भी,तन कर खड़ा रहा हूँ। ज्वारों ने बिखेरा मुझको,फिर भी पुनः समेटा खुद को,हिम शीत भी मुझे जड़वत न कर सकी,मुझ अमर्त्य वीर मनुपुत्र को। मैं भी बन … Continue reading सहस्त्रफण
आज भाद्रपद मास के कृष्णपक्ष की चतुर्थी है और साथ ही बप्पा के आगमन का दिन अर्थात गणेश चतुर्थी है। चारों ओर हर्षोल्लास का माहौल है। महाराष्ट्र के एक छोटे-से गाँव में रहने वाले मनु के घर में भी इसी तरह चहल-पहल है क्योंकि इस वर्ष मनु के घर पहली बार गणपति का आगमन होने … Continue reading विघ्नहर्ता गणेश
यह एक कहानी है जिसमें एक पत्रकार महोदय जो कि एक कवि भी हैं, बिहार में आई बाढ़ की पत्रकारिता करने वहाँ गए हैं। वहाँ वे एक किसान से मिलते हैं। वह किसान लाचार इधर - उधर पानी में भटक रहा है। कवि व्याकुल हो उससे पूछते हैं- सरिता है उफान परधरती भी जा रही … Continue reading बाढ़, किसान और कवि
दो माताओं की शान हो तुम,इस मिट्टी की पहचान हो तुम,स्वयं अपनी तक़दीर लिखने वाले,ऐ भाई!हर बहन का अभिमान हो तुम। जन्मभूमि की ख़ातिर खुद मिट जाते हो,जननी का कर्ज़, फर्ज़ से चुकाते हो,समर्पण का प्रतीक कहलाने वाले,ऐ भाई!हर बहन का स्वाभिमान हो तुम। हँसते हुए चुनौतियों को पार कर जाते हो,हर पल सर पर … Continue reading कौन हो तुम?
जब तुम परोक्ष होते हो कौंधे निज हृदय में बातें, चाहूँ पर न करूँ शिकायतें, और जो अब सन्मुख हो मेरे बिसरा गई है सब कुछ, रह गए केवल तुम हो। आसक्ति के समुद्र में ढूँढने चले, प्रेम-मोती वहाँ कैसे मिले? निर्धूम अग्नि में जो न जले, तो आनंद फुहारे कैसे मिले? मन व पवन … Continue reading अलौकिक प्रेम