अभियांत्रिकी सिर्फ विज्ञान और गणित तक सीमित नहीं है, बल्कि ये एक ऐसी कला है जिसमें विज्ञान और गणित के अलावा व्यावसायिक अभ्यास, कला, लेखन, दर्शन, औपचारिक एवं अनौपचारिक कौशल निहित है । एक संवेदनशील अभियंता का कार्यक्षेत्र आर्थिक और औद्योगिक विकास के अतिरिक्त, सांस्कृतिक और सामाजिक धरोहर को संजोते हुए देश को नए युग में ले जाने की सहभागिता भी है। ऐसे उभरते और प्रतिभावान अभियंताओं के अंदर छिपी हुई नव सृजन की कलाओं को उभारने और प्रस्तुत करने का सशक्त माध्यम है “सर्जना”! देश के सुप्रसिद्ध और पुराने संस्थानों में से एक बी. आई. टी. सिंदरी की प्रतिनिधि पत्रिका “सर्जना” के प्रभारी आचार्य की गौरवपूर्ण जिम्मेदारी से जुड़ना एक सौभाग्य है। आशा करती हूँ कि टीम सर्जना अपने गौरवशाली इतिहास में सफलताओं के नए सोपान जोड़े और समाज को नई दिशा दिखाने का प्रयास करे।

― माया राजनरायन राय, प्रभारी आचार्य, ‘सर्जना’