तलाश रहा हूं, सभी कोलाहलों से दूर, नितांत शांत स्थलों पर, पक्के सड़कों से दूर, कच्ची पगडंडियों पर। दुर्गम पर्वतों के शिखरों पर, अरुणोदय की लालिमा में, घटाओं की कालीमा में। पर्वतों के गर्भ में, धारा के आघात से उत्पन्न झरनों की कलनाद के मध्य। घने वनों के मध्य, घोंसले से झांक रहे विहंगों की … Continue reading तलाश
Author: Vaibhaw Anand
प्रिय, तुम मेरी प्राथमिकता थी, सम्भवतः मैं तुम्हारा विकल्प। तुम उद्यान की वह पुष्प थी, जिसके सम्मुख, सबकी सुंदरता थी अल्प।। मैं नहीं देना चाहता था तुम्हें श्रृंगार की वस्तुएँ, मैं तो चाहता था… तुम्हें कालिदास की मेघदूतम सुनाऊँ। वह मेघ बन बरस जाऊँ, जिसके सम्मुख यक्ष ने बहाए थे अश्रु विरह में।। ले चलूं … Continue reading प्रिय!
"प्रेम, त्याग और अंतर्द्वंद्व की अमर कहानी" हमारा जीवन एक कहानी की भांति है जिसकी पटकथा कई प्रकार के घटनाक्रमों से होकर गुजरती है जो हमारे जीवनकाल में घटित होते रहती हैं। इस कहानी में न जाने कितने पात्र आते हैं जिनका कालक्रम सूक्ष्म होता है, और कुछ पात्र ऐसे भी होते हैं जिनका प्रभाव … Continue reading गुनाहों का देवता
विद्या में जो तेज निहित है, वह न दिखे धन-दौलत में। जो बाँटने से और बढ़े, वह होता है ज्ञान समर्पण में॥ -सूर्यकांत त्रिपाठी निराला बीआईटी सिंदरी के छात्रों द्वारा संचालित शैक्षणिक एवं सामाजिक संस्था प्रयास इंडिया के द्वारा ‘रेनबो २५’ का आयोजन भव्यता पूर्वक किया गया। ‘रेनबो’ कॉलेज के आसपास ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर … Continue reading प्रयास के पंख: रेनबो २5
