दूर मुझसे हो गया बचपन मगर
मुझमें बच्चे सा मचलता कौन है

– राजेन्द्र कलकल

बी.आई.टी. सिंदरी के छात्रों द्वारा संचालित शैक्षणिक एवं सामाजिक संस्था, “प्रयास इंडिया” ने अपने वार्षिक सांस्कृतिक सह साहित्यिक मेगा-फेस्ट ‘रेनबो-२२’ का सफ़लतापूर्वक आयोजन किया। यह मेगा-फेस्ट पॉंच दिनों का था। इस पॉंच-दिवसीय उत्सव का अंतिम व सर्वाधिक महत्वपूर्ण दिन ८ मई को रहा जिसकी प्रतीक्षा “प्रयास इंडिया” के छात्र उत्सुकतापूर्वक कर रहे थे। आयोजन में उपस्थित दर्शकों की भारी भीड़ इस आयोजन की भव्यता का प्रमाण थी। ‘रेनबो-२२’ का विषय “अनेकता में एकता” रहा, जो कि भारतीय गणराज्य में एक विशिष्ट स्थान रखता है एवं जिसका ज्ञान राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक के लिए अनिवार्य है। अतः पूरा परिवेश सम्पूर्ण रूप से इस विषय को आत्मसात करते दिख रहा था। ‘पाठशाला’ ट्रस्ट के संस्थापक एवं संयुक्त राष्ट्र कर्मवीर चक्र से सम्मानित देव कुमार वर्मा एवं अन्य गणमान्य अतिथियों ने इस आयोजन में शामिल हो, आर्य समाज मैदान की शोभा बढ़ा दी। कार्यक्रम का आगमन दीप प्रज्वलन के साथ हुआ जिसके उपरांत कक्षा १२ की छात्रा, आफ़रीन ने मंच पर आकर “अनेकता में एकता” पर एक ज़ोरदार भाषण दिया। भाषण के उपरांत स्वागत नृत्य के साथ बच्चों ने दर्शकों का ‘रेनबो-२२’ में हार्दिक स्वागत किया। इस मन-मोहक नृत्य के साथ समारोह अपनी असीम गति के साथ आरंभ हो गया।


‘रेनबो-२२’ के इस पॉंच-दिवसीय श्रृंखला का पहला अंक रहा “खेलो इंडिया खेलो” जिसका आरंभ २ मई को हुआ। इसमें ‘प्रयास’ के छात्रों ने ज़ोरों-शोरों से हिस्सा लिया जिसमें १०० मीटर दौड़, कबड्डी, चौकी दौड़, स्लो साइकिल रेस, बोरा दौड़ इत्यादि जैसी प्रतियोगिताएँ हुईं। दूसरे दिन का आगमन एक जागरूकता रैली से हुआ जिसका विषय था “बाल-श्रम का अंत”। छात्रों ने बैनर और प्लेकार्ड का प्रयोग कर इस संवेदनशील मुद्दे को बड़े साहस के साथ समाज के सामने प्रस्तुत किया। इसके साथ ही छात्रों ने नुक्कड़-नाटक का भी आयोजन किया। “इज्ज़त” नामक इस नाटक ने दर्शकों के मन और चित्त पर एक गहरी छाप छोड़ी।


‘रेनबो-२२’ के तीसरे दिन में प्रश्नोत्तर व चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रश्नोत्तर प्रतियोगिता में जहाँ छात्रों के शैक्षणिक व गैर-शैक्षणिक ज्ञान का परीक्षण किया गया, वहीं चित्रकला प्रतियोगिता में छात्रों को अपनी कलात्मक प्रतिभा का परिचय देने का अवसर प्राप्त हुआ। चौथे दिन नृत्य-प्रतियोगिता का आयोजन हुआ जिसमें सभी प्रतिभागियों ने अपने सर्वोच्च प्रदर्शन से दर्शकों का मन मोह लिया।


मेगा-फेस्ट की संध्या में, ‘रेनबो-२२’ के मुख्य अतिथि, श्री देव कुमार वर्मा ने दर्शकों को संबोधित करते हुए कहा कि आज “प्रयास इंडिया” सैकड़ों जीवन बदल रही है। ऐसा कर पाना हर किसी के लिए संभव नहीं होता है। उन्होंने “प्रयास इंडिया” के मेगा-फेस्ट की सफलता की भी कामना की।


मेगा-फेस्ट में बी.आई.टी. सिंदरी के निदेशक, डॉ. डी. के. सिंह ने विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हो कर पूरे कार्यक्रम की गरिमा और बढ़ा दी। उन्होंने दर्शकों को संबोधित करते हुए शिक्षा के क्षेत्र में “प्रयास इंडिया” के योगदानों को सराहा। उन्होंने कहा कि “प्रयास” आज कुछ गिने-चुने संस्थानों में से एक है जो अनेकों सपनों को यथार्थ में परिवर्तित कर रहा है। उन्होंने उपस्थित सभी माताओं को “मातृ दिवस” की हार्दिक शुभकामनाएँ भी दीं।
‘रेनबो-२२’ की सुरीली संध्या में “प्रयास” के छात्रों ने नृत्य और संगीत से दर्शकों का मन मोह लिया। सृजनी चैटर्जी, निशिता हांसदा, स्वर्णिमा दत्ता, दिलप्रित दुआ, रुद्र घोषाल, सम्यक खदिकर, मेघनाथ कुमार सिंह एवं अन्य ने जहाँ संगीत के धारदार सुर चलाए, वहीं त्रियशा, मुस्कान, सेजल, नव्या व उनका समुह, अनुभवा, आस्था, आरोही, दीक्षा, रिया, अदितिका एवं अन्य छात्र-छात्राओं ने अपने नृत्यकला का शानदार प्रदर्शन किया।


कार्यक्रमों के मध्य में “प्रयास” के सभी ऐंकर रेनबो की शाम में उत्साह में कोई कमी नहीं होने दे रहे थे। एक ओर जहाँ अनेकों रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम हो रहे थे वहीं इस शाम में एक ओर मानो मेला सा लगा था। कार्यक्रम से अलग एक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया था जहाँ “प्रयास” के छात्रों द्वारा बनाई गई सांस्कृतिक एवं वैज्ञानिक कलाकृतियॉं, शिल्प और अनेकों ऐसी प्रस्तुतियॉं थीं जिन्हें देख लोग कला और विज्ञान के दीवाने हो गए थे। इसके अलावा इस संध्या में दर्शकों ने प्रश्नोत्तर प्रतियोगिता में अपने ज्ञान का विस्तार किया। प्रश्नोत्तर प्रतियोगिता में सभी छात्र-छात्राओं का प्रदर्शन उत्कृष्ट रहा। इस शाम में ‘रेनबो-२२’ के मंच से “अंधविश्वास” जैसे सामाजिक मुद्दे का परिहास किया गया। “प्रयास” के कलाकारों ने इस पूरे नाटक में अपने किरदारों के साथ न्याय करते हुए सभी दर्शकों को अंधविश्वास पर विचार-विमर्श करने हेतु विवश कर दिया। संध्या के आखिरी पड़ाव में पुरस्कार वितरण समारोह हुआ जिसमें पिछले सभी प्रतियोगिताओं में विजयी प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया। अंततः “प्रयास इंडिया” के आदित्य द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया।


इन शानदार आयोजनों के साथ ‘रेनबो-२२’ “प्रयास इंडिया” द्वारा एक सफल और आनंददायक उत्सव साबित हुआ। शाम के अंत में सभा में उपस्थित सभी लोगों के चेहरों पर एक नूरी मुस्कुराहट झलक रही थी, जो गवाह थी इस बात की कि शिक्षा, परोपकार और समानुभूति से ही हम दुनिया को बेहतर बना सकते हैं

Leave a Reply

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  Change )

Twitter picture

You are commenting using your Twitter account. Log Out /  Change )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  Change )

Connecting to %s