विजयादशमी

हमारा यह भारतवर्ष त्योहारों का देश है, जो हमारी सांस्कृतिक विरासत को जीवंत बनाए हुए है। त्योहार सिर्फ संस्कृति और परंपरा का प्रदर्शन मात्र नहीं अपितु हमारे जीवन शैली का एक अभिन्न अंग हैं, जिनका उद्देश्य आम जन मानस के जीवन में आनंद एवं उल्लास का रंग भरना है। ये त्योहार सीखने का अवसर प्रदान … Continue reading विजयादशमी

गुनाहों का देवता

"प्रेम, त्याग और अंतर्द्वंद्व की अमर कहानी" हमारा जीवन एक कहानी की भांति है जिसकी पटकथा कई प्रकार के घटनाक्रमों से होकर गुजरती है जो हमारे जीवनकाल में घटित होते रहती हैं। इस कहानी में न जाने कितने पात्र आते हैं जिनका कालक्रम सूक्ष्म होता है, और कुछ पात्र ऐसे भी होते हैं जिनका प्रभाव … Continue reading गुनाहों का देवता

नवरात्रि : भारत की सांस्कृतिक संपदा

भक्ति जीवन का वह स्वरूप है, जो कई इकाइयों पर मानव जीवन को उचित राह प्रदान करता है। मानव जीवन बहुत हद तक अर्थहीन प्रतीत होता है, यदि उसमें आशा का सामंजस्य ही न हो। आशा, जो सनातन के प्रमुख स्तंभों में से एक है और जिसका गढ़ हमारी भारतभूमि है। भारत जिसकी प्राचीन संस्कृति … Continue reading नवरात्रि : भारत की सांस्कृतिक संपदा

सर्वत्र तमस्

तर्कसम्राट चिंतित हैं। सुनने में आया है कि कुछ दिनों पहले "समाज" के अभिजात वर्ग को अव्यवस्थित एवं अपार शक्ति सौंपी जा चुकी है। और उसके सबसे बड़े मूर्ख को मुखिया बना दिया गया है।

अलविदा कहना पड़ रहा

कॉलेज की इन सड़कों को देख, कुछ यादें याद आती है, कही-अनकही हज़ारों बातें याद आती है, नादानी में की गई कुछ गुस्ताखियाँ, ये बचपन से जवानी की ओर बढ़ते कदमों की हर निशानी याद आती है। तो चलो लेतें है हम भी एक प्यारी सी सवारी , जिसमें बसी है मेरे यादों की एक … Continue reading अलविदा कहना पड़ रहा