क्यों हो गए हो जीवन से निराश,
क्यों छोड़ बैठे हो मंज़िल पाने की आस ।
माना की तेरी राह में मुश्किलें तमाम होंगी,
कई बार तेरी कोशिशें भी नाकाम होंगी।

मुश्किलों से डर कर कभी रुक मत जाना,
कठिनाईयों के आगे कभी झुक मत जाना।

हौसला रख और आगे बढ़,
मंज़िल तू पा जाएगा।

कुछ पाने की प्यास को तू बरकरार रख,
वह दिन भी आएगा,
जब तेरी सफलता का परचम पूरी दुनिया में लहराएगा।

हीरा हो तुम, जोहरी भी तुम, अपनी कीमत का अनुमान करो,
करके दृढ़  संकलप अपने सफर का तुम आगाज़ करो।
दुनिया तेरे कदमों में होगी,
आगे बढ़ कर राज करो।

 

उदय केशरी,
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान , जमशेदपुर 

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