मेरा चुनाव

अगर हारना भी एक चुनाव होतातो शायद दसों दिशाएँ नहीं देखतापलायन की खोज में,बस रुक जाता,और मूँद के रखता अपनी आँखों कोउस पल तकजो केवल अंधकारमयी है। प्रकाश की किरण जब तक हैहार का संकल्प पूर्ण नहीं हो सकता।पक्की हार भी किसी जीत की तरह हैजिसमें दोनों या तो शून्य हैया फिर दोनों एक। अगर हारने पर भी … Continue reading मेरा चुनाव