सब छूट जाएगा अब,
सब याद आएंगे अब!
वो गर्मी की आइसक्रीम,
मेन गेट की पानीपुरी, सेहेरपुरा की जलेबी,
भींग कर भी घूमने निकल जाना,
टीचर्स से डाँट सुन कर भी हँसना,
सब छूट जाएगा अब,
सब याद आएंगे अब!

मिल कर mass bunk प्लान करना
और किसी न किसी का तो चला ही जाना
“अरे! क्लब में न जाने के ये कैसे- कैसे बहाने!”
कभी क्लास में गाने गाना,
कभी रात 2 बजे भी मैगी बनाने लग जाना,
सब छूट जाएगा अब,
सब याद आएंगे अब!

4

निशाचर की तरह पूरी रात जागना,
उल्लू की माफ़िक पूरे दिन सोना,
“अबे ये असाइनमेंट कब मिला था?” वाली हैरानी,
सब छूट जाएगा अब,
सब याद आएंगे अब!

आखिरी रात टॉपर के दरवाज़े पे मत्था टेकना
और पास जितना बोल कर पूरा syllabus पढ़ जाना।
अब कहाँ हो पायेगा वो सब,
अब कहाँ मिलोगे तुम सब!

अब तो जीवन की भागदौड़ होगी,
किसकी लड़ाई में टांग लड़ाएंगे?
भई, किसके जन्मदिन पर अब चार मुक्के लगाएंगे?
सब छूट जाएगा अब,
सब याद आएंगे अब!

 

सोनाली प्रिया
सूचना प्रौद्योगिकी
२०१६

8 thoughts on “सब छूट जाएगा अब

  1. बहुत सुंदर। सोनाली ने हमें भी अपना बीआईटी का अन्तिम वर्ष याद दिला दिया।

    Like

Leave a reply to AB tech Cancel reply