वक्त है चुनाव का, गर्म है मिज़ाज सभी का । कोई कहता मोदी जी आएंगे!! तो कोई कहता बीजेपी वाले जाएंगे !!! पर सच तो यही है, इस चुनाव,एक बैच फिर से हमेशा के लिए चला जाएगा, २k१५ बैच, रहेगा याद सभी को। हर वो खूबसूरत लम्हा, चाहे प्यार हो, मोहब्बत हो, या हो दोस्तों … Continue reading वक्त है चुनाव का
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कॉलेज की इन सड़कों को देख, कुछ यादें याद आती है, कही-अनकही हज़ारों बातें याद आती है, नादानी में की गई कुछ गुस्ताखियाँ, ये बचपन से जवानी की ओर बढ़ते कदमों की हर निशानी याद आती है। तो चलो लेतें है हम भी एक प्यारी सी सवारी , जिसमें बसी है मेरे यादों की एक … Continue reading अलविदा कहना पड़ रहा
The chilled dry wind was getting smoother by an inch; the ice on the rooftops were beginning to melt; February was just dusting her shoes off to leave, and a fresh gust of spring was about to fill the frozen souls of Tokyo. A new month, from a far-off land, was about to sell some … Continue reading ALL THAT’S GREEN AND YOUNG MUST CRUMBLE AND YELLOW
हाँ,तू है नहीं तो क्या, अगर तू है नहीं। कहने को तो कह दिया, पर बात इतनी भी साधारण नहीं रोने को तो रो लिया, पर आँसुओं की किसी को आदत नहीं। बहुत सोचती थी किसी को अपनी सोच बताती, कि किसी की हमदर्द हमराही बन जाती पर सोच का कोई हमसफ़र नहीं शायद इसलिए … Continue reading तू है नहीं
शायर है ये दिल, कुछ न कुछ लिखता रहता है सुनता तो कम ही है मेरी, अक्सर कुछ न कुछ कहता रहता है। जिन्हें कागज़ पे उकेरा, वो तो आज भी सलामत हैं बाकी रेत पे लिखे जज़्बातों को, कब का समुन्दर बहा ले गया। चाँदनी रात के तले, मैं उस से सब कुछ कह … Continue reading रूह की आज़ादी
१.हवाएँ भी कभी-कभी शैतानियाँ करती हैं, कभी पेड़ों से, कभी पहाड़ों से बेईमानियाँ करती हैं, जब शाम ढले खेतों से होकर गुजरती हैं, किसानों के छोटे बच्चों संग नादानियाँ भी करती हैं, मंदिर में भी जाती हैं, मस्जिद में भी आती हैं, कभी फुरसत से चर्च की घंटी भी बजाती हैं, ओ मजहब के पहरेदारों! … Continue reading आसां कहाँ है ?