बच्चों के छोटे हाथों को चाँद सितारे छूने दो,
चार किताबें पढ़ कर ये भी हम जैसे हो जाएँगे।
-निदा फ़ाज़ली
बी०आई०टी० सिंदरी के विद्यार्थियों द्वारा संचालित शैक्षणिक एवं सामाजिक संस्था ‘प्रयास इंडिया’, जो हर घर में शिक्षा की ज्योत जलाती आ रही है, ने अपने वार्षिक महोत्सव ‘रेनबो २४’ को भव्यता एवं सफलता के साथ अंतिम रूप दिया। महोत्सव को सात दिनों में संपन्न किया गया, जिसमें अंतिम दिन बहुत विशेष रहा। रेनबो २४ का विषय ‘विश्व शांति’ रहा, जो कि आज विश्व में ज्वलंत मुद्दा बनकर उभरा है। जहाँ दुनिया के कई हिस्सों में निरंतर लड़ाईयाँ हो रही है, साथ ही कई देशों के बीच युद्ध कि स्थिति बनी हुई है; वहीं हमनें विश्व को प्रबलता के साथ ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ का मंत्र दिया है। भारत पूरे विश्व में शान्ति और समरसता हो इसका समर्थन करता है, उन्हीं नीतियों की एक झलक संस्था द्वारा कार्यक्रमों में दिखाने की एक सफल कोशिश की गयी। स्वयंसेवकों एवं विद्यार्थियों के सतत सहयोग से ही यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हो सका।
रेनबो-२४ के इस सात-दिवसीय श्रृंखला का पहला दिन २७ अप्रैल को ‘खेलो इंडिया खेलो’ के साथ आरंभ हुआ। इसमें प्रयास इंडिया के छात्र-छात्राओं ने ज़ोरों-शोरों से हिस्सा लिया, जिसमें दौड़, कबड्डी, बैडमिंटन, चेस, जलेबी दौड़ इत्यादि कई प्रतियोगिताएँ हुईं। मुख्य अतिथि के रूप में बी०आई०टी० सिंदरी के प्रोफेसर डॉ० घनश्याम उपस्थित थे जिससे कार्यक्रम की शान और भी बढ़ गयी। उन्होंने कार्यक्रमों की उपयोगिता पर अपनी बात रखी और बच्चों का उत्साहवर्धन किया। दूसरे दिन का आगमन एक जागरूकता रैली से हुआ जिसका विषय था ‘मतदान: सबका कर्तव्य एवं सबका अधिकार’। प्रयास इंडिया के सभी स्वयंसेवकों और छात्रों ने पूरे उत्साह के साथ इसमें भाग लिया और इसे सफल बनाया। विद्यार्थियों ने विज्ञापनों का प्रयोग कर इस संवेदनशील मुद्दे को बड़े साहस के साथ समाज के सामने प्रस्तुत किया। “मतदान करो, राष्ट्र बचाओ!”, “मतदान मतदाता की पहचान है!”, “मतदान से बढ़ता देश का मान!”, जैसे कई नारे भी लगे। इसके बाद छात्रों ने नुक्कड़-नाटक का भी आयोजन किया। ‘परिवर्तन’ नामक इस नुक्कड़ ने दर्शकों के मन और चित्त पर एक गहरी छाप छोड़ी जिसका विषय ‘मतदान जागरूकता’ को लेकर था। इसमें मतदान के महत्व को दिखाने का कोशिश की गयी। कैसे हमारा एक-एक मत देश की नियति के निर्धारण में अपनी भागीदारी निभाता है और देश को दिशा दिखाने का कार्य करता है, ऐसे संवेदनशील मुद्दे पर बच्चों द्वारा दो बार अलग-अलग स्थानों पर इसकी प्रस्तुतियाँ पेश की गयी।
प्रयास इंडिया द्वारा आयोजित यह समारोह केवल संस्था के बच्चों तक ही सीमित नहीं था, अपितु पूरे क्षेत्र को समर्पित था। श्रृंखला में तीसरे दिन ‘पॉवर ऑफ नॉलेज’ नामक एक प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम का आयोजन हुआ। क्षेत्र के आस-पास के स्कूलों ने भी इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। जिसमें डिनोबली सिंदरी, डिनोबली डिगवाडीह, डी०ए०वी तासरा एवं प्रयास इंडिया के विद्यार्थी विजयी रहे।
चौथे एवं पाँचवें दिन में संगीत में ‘सुर संग्राम’ एवं नृत्य में ‘डांसिंग स्टार’ की प्रतियोगिताएँ हुई। संस्था के अतिरिक्त अन्य विद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने भी इसमें भाग लेकर उम्दा प्रस्तुति दी। विद्यार्थियों के जीवन में हर गुण विकसित करना ही संस्था का मुख्य लक्ष्य था। छठे दिन विद्यार्थियों की रचनात्मकता शैली को निखारने के लिए ‘पॉट पेंटिंग’ प्रतियोगिता आयोजित की गई थी। नन्हें हाथों से बने रंगीन और प्यारे-प्यारे मटकों ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
०५ मई की संध्या को आर्यसमाज मैदान की सजावट, बनावट और वहाँ उपस्थित दर्शकों की भीड़ देखने लायक थी। स्वयंसेवकों द्वारा प्रबंधित इस आयोजन ने हर दर्शक का मन मोह लिया। मुख्य अतिथि के रूप में सी०डी०सी के चेयरमैन प्रो० (डॉ०) घनश्याम, जनरल वार्डन डॉ० आर० के० वर्मा उपस्थित थे। गेस्ट ऑफ ऑनर के रूप में रेनबो २५ के स्पॉन्सर एवं के०टी०एम०पी०एल के असिस्टेंट मैनेजर श्री विजय मिश्रा उपस्थित थे। परासंस्थानीय विद्यार्थी जो संस्था के पूर्व सदस्य थे, उन्होंने भी इस समारोह में जुड़कर एक नया जोश उत्पन्न किया और साथ ही अपना मार्गदर्शन भी दिया। दर्शक-मंडली में पूरा बी०आई०टी० परिवार एवं आस-पास के गाँव के लोग सम्मिलित थे। मेगा-फेस्ट का शुभारंभ दीप प्रज्वलन, राष्ट्रगान और देशभक्ति नारे लगने के साथ शुरू हुआ। मुख्य अतिथि, गेस्ट ऑफ ऑनर एवं वहाँ उपस्थित सभी परासंस्थानीय विद्यार्थियों ने अपने अनुजों और वर्तमान स्वयंसेवकों के निःस्वार्थ सेवा की प्रशंसा की और प्रयास इंडिया के छात्रों का मनोबल भी बढ़ाया जिसके उपरांत कार्यक्रमों की सूची चल पड़ी।
समारोह के मुख्यतः तीन केंद्र बिंदु थे जिसमें एक ओर मॉडल प्रस्तुति का कार्यक्रम था। सारे मॉडल संस्था में पढ़ रहे विद्यार्थियों के द्वारा शिक्षकों के मार्गदर्शन में बनाए गए थे। भारत के सांस्कृतिक एवं कला धरोहर के साथ-साथ ‘वैश्विक शान्ति’ के मुद्दे मॉडल प्रस्तुति के मुख्य विषय थे। साथ ही भारत के अंतरिक्ष मिशन, डिजिटल मिशन एवं मतदान जैसे मुद्दे भी शामिल थे। मॉडल बनाने के साथ-साथ उन्हें समझाने की जिम्मेदारी भी बच्चों पर ही थी। उनकी मधुर वाणी ने लोगों का मन मोह लिया था। दूसरी ओर विद्यार्थियों ने ‘कला एवं शिल्प’ के हुनर से बहुत सारे सजावटी समान बनाये थे, जिन्हें कार्यक्रम में बेचा जाना था। विगत दिनों के कठिन परिश्रम से उन्होंने तमाम शिल्पियाँ तैयार की थी, जिन्हें समारोह में लोगों द्वारा काफी सराहा गया और लोगों के द्वारा खरीदा भी गया।
तीसरी ओर मंच प्रस्तुति का कार्यक्रम आयोजित था जहाँ कर्णसुखी संगीत और धमाकेदार नृत्य के प्रदर्शनों ने पूरे वातावरण में नई जान फूँक दी। वहाँ उपस्थित सभी अभिभावक, शिक्षक एवं उपस्थित लोग, बच्चों की प्रतिभा और उनके शिक्षकों को लेकर गौरवान्वित महसूस कर रहे थे। मंच व्यवस्था भी बहुत सुचारु रूप से की गई थी और जमा हुई भीड़ ने कार्यक्रमों का भरपूर आनंद लिया। इसके अलावा इस संध्या में दर्शकों ने प्रश्नोत्तर प्रतियोगिता में अपने ज्ञान का विस्तार किया। प्रश्नोत्तर प्रतियोगिता में सभी छात्र-छात्राओं का प्रदर्शन उत्कृष्ट रहा। संध्या के आखिरी पड़ाव में पुरस्कार वितरण समारोह हुआ जिसमें पिछले सभी प्रतियोगिताओं में विजयी प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया। अंततः प्रयास इंडिया के पूर्ववर्ती स्वयंसेवकों द्वारा बारी-बारी से बच्चों को प्रमाणपत्र दिया गया और साथ ही धन्यवाद ज्ञापन किया गया।
जिस सफ़लता से कार्यक्रम को उसके अंत तक लाया गया, इसमें प्रयास से जुड़े हर एक व्यक्ति के लगन और मेहनत का परिणाम था। बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए, प्रयास इंडिया अहम भूमिका निभा रहा है। कहा जा सकता है-
‘मंजिले क्या हैं, रास्ता क्या है?
हौसला हो तो फासला क्या है?
काम करो ऐसा की पहचान बन जाए,
हर कदम ऐसा चलो की निशान बन जाए।’
प्रयास इंडिया इसी संदेश को लेकर आगे बढ़ रही है, जिसने समाज पर सचमुच ही एक छाप छोड़ने का काम किया है। अभी से ही बच्चों में युद्ध के वैकल्पिक समाधान की ओर सोचने तथा मतदान हेतु जागरूकता बनाये रखने की भरपूर कोशिश की गई। जो आज के परिपेक्ष में अति महत्वपूर्ण हैं। जितना पढ़ाई का महत्व है, उतना ही महत्व खेलकूद का भी है। स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है। प्रयास इंडिया ने ‘रेनबो कार्यक्रम’ के माध्यम से बच्चों में सर्वांगीण विकास करने के तरीकों के हर पहलुओं को छूने का प्रयत्न किया है। ‘प्रयास इंडिया’ का यह योगदान देश की शिक्षा एवं विकास में उन बीजों को बो रहा है, जो भारत को निश्चित ही नई ऊँचाइयों तक ले जाने में अपरिहार्य है।





















