“कल बिछड़ जाएँ हम…या अलग हो जाएँ ये रास्ते…
इनका कभी गम न कीजियेगा ,
बस इतना सा अरमान है हमारा दोस्तों…आप सब के दिल में जो प्यार है हमारे लिए
उनको कभी कम न कीजियेगा।”
कल बिछड़ जाएँ हम…या अलग हो जाएँ ये रास्ते…
इनका कभी गम न कीजियेगा ,
बस इतना सा अरमान है हमारा दोस्तों…आप सब के दिल में जो प्यार है हमारे लिए
उनको कभी कम न कीजियेगा।”
एक वो भी कभी दौर था
जब हम सब कितने नादान थे
कॉलेज में दिखे हर एक चेहरे से अनजान थे ।
वो सवेरा … कुछ अलग, कुछ हसीन था ,
जी हाँ … वो कॉलेज का मेरा पहला ही तो दिन था ।
एक तरफ फ्रेशर का अपना रौब
तो दूसरी तरफ सीनियर्स का थोड़ा ख़ौफ़ था,
पर अब याद आते हैं वो दिन
उन दिनों का भी अपना अलग ही एक मौज़ था ।
आँखों में वैभव के सपने,
दिल में कुछ कर जाने का अरमान था,
मिलकर दोस्तों के साथ कुछ की गयी बदमाशियाँ.. सिर्फ चंद लम्हों का ही तो मेहमान था ।
देखते-देखते दिन ढलने लगा था
मानो जैसे मौसम ही बदलने लगा था
न जाने किस मोड़ पर ये ज़िन्दगी हमें ले आई..,
शायद आ गया था अब वो वक़्त
जिसका नाम था जुदाई ।
बिताये थे लम्बे वक़्त साथ जिनके
वो दोस्त आज बिछड़ रहे थे…
दिल के समन्दर में जो उठ रही थी एक लहर
वो आँखों से आँसू के रूप में छलक रहे थे ।
ज़िन्दगी के पन्ने मानो जैसे अब पलट से गए हैं
हर अनजान चेहरे इस क़दर दिल में सिमट से गए हैं।
वक़्त तो अपना काम करके निकल गया
पर याद करके उन्हें आँखों से पानी मानो छलक-सा गया।
कॉलेज में बिताए हर एक लम्हें याद आएँगे
दोस्तों के साथ की गई मस्तियाँ, बदमाशियाँ सिर्फ यादों के नाम होकर रह जाएँगे ।
किसी ने हँसाया … तो किसी ने रुलाया,
किसी ने ज़िन्दगी की सच्चाई से रूबरू कराया…
तो किसी ने ज़िन्दगी जीना सिखाया,
इस चार साल के सफ़र ने मुझे बहुत कुछ सिखाया ।
हाँ,आभारी हूँ मैं हर उस शख्स की
जिन्होंने मुझे ज़िन्दगी की हर एक मोड़ से वाकिफ़ कराया ।
कल रास्ते चाहे हम सबके अलग हो जाएँ
पर आप सब हमेशा दिल में रहेंगे,
अब शायद कहना पड़ेगा अलविदा …
पर ज़िन्दगी के इस सफ़र में हम मिलते रहेंगे ।
—- इसी के साथ अलविदा दोस्तों 🙏—-
शैबी पटवारी
कण वैद्युतिकी एवं दूरसंचार अभियंत्रण
2k15