प्रकाशपर्व की मधुर बेला में
आओ मिलकर दीप जलाएं
स्नेह-साधना करें अनवरत
जग में नव प्रकाश फैलाएँ|
आलोकित हो हर घर, आँगन
हर घर कुछ यूँ जगमगाए
झिलमिल दीपों के क्षण पावन
हर्ष का एहसास कराए|
जलाएँ दीप चहुँओर
आओ, मिलकर सभी आगे आएँ
अंत करें तम निशा का
रजनी को नव भोर बनाएँ|
शुभ-लाभ की है कामना
माँ लक्ष्मी आपके घर आएँ
खुशियों के दीप जलेंगे
आओ मिलकर दीप जलाएँ.
– अनिल कुमार,
२०११ बैच, सर्जना
khubsurat rachna…..Diwali ki hardik shubhkamnaye……Maa Lakshmi aapko sukh,smridhi aur shanti pradaan karen.
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Happy Deepavali bro
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Very good.
Neil Pundit
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